तीन चूहे बार में बैठे हुए बातें कर रहे थे।
तीनों चूहों को पूरा नशा हो चुका था।
पहला चूहा- मैं तो रोज
चूहेदानी को पकड़
हवा में लहरा कर फेंक देता हूँ, अब तक न
जाने
कितनी चूहेदानियाँ तोड़ चुका हूँ।
दूसरा चूहा- मैं तो चूहे मारने
वाली दवा को इकठ्ठा कर लेता हूँ और
फिर पीस कर बीयर में डाल कर
पी लेता हूँ,
अच्छा लगता है।
तीसरा चूहा- अबे लौड़ो ! तुम
लोगों की गप्पें
सुनने बैठ गया तो घर पर
जो बिल्ली आई हुई है, वो बिना चुदवाए
ही वापस चली जायेगी।
😀😆
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