[05/11 8:40 pm] Suraj Margaj: "रेस मे जीतनेवाले घोडे
को तो पता भी नही होता कि जीत
वास्तव मे क्या है ,
वो तो अपने
मालिक द्दवारा दी गई तकलीफ
कि वजह से ही दौडता 🏇है ,
इसलिए
यदि आपके जीवन मे कभी कोई
तकलीफ आए तो समझ
लेना कि आपका उपरवाला
आपको कही जिताना चाहता है"
[09/11 1:12 pm] Tushar Ncr: पहले लोग 'बेटा' के लिये तरसते थे..
और आजकल डेटा के लिये !
आज की सबसे बड़ी दुविधा.....
मोबाइल बिगड़ जाये तो बच्चे जिम्मेदार
और बच्चे बिगड़ जाये तो मोबाइल
जिम्मेदार....
" बदल गया है जमाना पहले माँ का पेर छू कर निकलते थे,अब मोबाइल की बेटरी फुल करके निकलते है ।़ "
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