Monday, November 10, 2014

Fitrat aur main

मेरी फितरत में नहीं, अपना गम बयां करना.....

अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ, तो महसूस कर तकलीफ मेरी

...💫

❤ se...........
सुन कर ग़ज़ल मेरी, वो अंदाज़ बदल कर बोले............,
कोई छीनो कलम इससे, ये तो जान ले रहा है.

...........💫

उसका वादा भी अजीब था.. कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे,
मैंने भी ये नहीं पुछा की मोहब्बत के साथ या यादों के साथ..!!💫

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